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【漢字三体】 |
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楷書 |
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行書 |
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草書 |
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菊松多喜色(きくしょう きしょくおおし) |
秋になって松や菊の色がなおいっそう美しくなる。 (出典:借張山長韵呈方虚谷 其三・楊公遠(宋末元初)) |
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【臨書】 |
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楷書 |
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行書 |
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草書 |
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有淒清之(九成宮冷泉銘) |
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三蔵聖記夫顕(集字聖教序) |
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耳至時示意遅(上野本十七帖) |
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●有淒清之涼(淒清の涼あるに)・・・清らかな涼しさがあるに |
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●述三蔵聖記。夫顕楊正教 (三蔵聖記を述ぶ。夫れ正教を顕楊するは)・・・三蔵聖教の記を作られた。 |
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そもそも正しい教えを讃え揚げるのも |
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●小人足耳。至時示意。遅此期。(小人足るのみ。時に至らば意を示さん。此の期をまち)・・・小人にて |
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十分です。書面が到着しましたらご意見が承りたいです。私はこの期が待ち遠しいです。 |
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【細字】 |
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星月皎潔明河在天 |
(星月 皎潔にして、明河 天に在り) |
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星や月が白く清らかで、天には天の川がくっくり見えている。 |
*皎潔・・・白くて汚れがない。白く清らかである。(大字源) |
(出典:秋声賦・欧陽脩(北宋) |
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